लखनऊ :- नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के द्वारा आईपीएस अफसरों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनके वायरल वीडियो के मामले में शासन ने गुरुवार को एसआईटी गठित की है। तीन सदस्यीय टीम 15 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। वहीं एसएसपी नोएडा को सस्पेंड करने के साथ आरोप में संलिप्त पांच अफसरों का तबादला कर दिया गया है। इससे पहले इस मामले की जांच मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार कर रहे हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोकभवन नोएडा वायरल वीडियो मामले पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी व डीजीपी ओपी सिंह के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने पूरे मामले के संबंध में पूरी रिपोर्ट तलब की। वहीं इस मामले की जांच कर रहे मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार कर रहे है, जो अभी प्रचलित है। जांच में यह जानकारी मिली है कि इस प्रकरण में पुलिस के साथ-साथ कुछ प्रशासनिक अधिकारी एवं जनता के कुछ व्यक्ति भी शामिल है। इस प्रकरण में जो आरोप लगाए गये है वह भ्रष्टाचार एवं दुराचार से सम्बन्धित है तथा इसमें कुछ इलेक्ट्रानिक ऐवीडेंस का तकनीकी परीक्षण भी कराये जाने की आवश्यक्ता है।
इस सब मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों अजयपाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह गणेश शाहा, राजीव नारायण मिश्रा, हिमांशु कुमार के साथ मुख्य सचिव के निदेशक मीडिया दिवाकर खरे, पीसीएस अधिकारी गुलशन कुमार, रजनीश इस मामले में से जुड़े समतस्त प्रकरणों की जांच के लिए एसआईटी का गठित की गयी है। इस जांच कमेटी में एचसी अवस्थी निदेशक सतर्कता, अमिताभ यश पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ, विकास गोठलवाल प्रबंंधक निदेशक उप्र जलनिगम शमिल है। यह 15 दिन में अपनी जांच कर शासन को रिपोर्ट सौपेंगे। रिपोर्ट आते ही सख्त कार्रवाई होगी। जांच प्रभावित ना हो इसलिए सभी पांचों पुलिस अफसरों को फील्ड से हटाया गया है। इनकी जगह नए अधिकारियों की तैनाती की गई, सभी को तत्काल ज्वाइनिंग के आदेश दिए गए है। राज्य़ के इतिहास में पहली बार इस स्तर की कार्रवाई हुई है।
